आज के इस कलयुग में
कहा है गाँधी की टोली ?
साथ में जिसे लिए चलते
थी शांति ही गीता की हमजोली
रामदेव, अन्ना भी गए
सरकार के इस खटाई में
शांति के साथ चतुराई भी गयी
भ्रष्टाचार की लड़ाई में
नहीं मिला मुकाम अब तक
जिसकी हमें तलाश थी
क्रांति अब वो फिर छिड़ेगी
जो सन ४७ की आवाज थी
अंग्रेज डरके भागे थे
जनता के आगे कांपे थे
वही जनता फिर जागेगी
सरकार को मिलकर भापेगी
आवाज सत्याग्रह कही नहीं
गरमजोशी का दबाव भी था
तभी देश आजाद हुआ था
जिससे भारत का गुमान हुआ था
येतो सत्याग्रह की आवाज है
गरमजोशी अभी हुयी कहा ?
इतने में सरकार लूट गयी है
नौजवान उतरेंगे तो ये भागेगी कहा ?
अंतिम समय तक चलेगी लड़ाई
भ्रष्ट नेताओ पर होगी कड़ाई
जंग हार सकते नहीं कभी
है भ्रष्टाचार की ये पहली लड़ाई
झुक जाएगी ये सरकार
फंस जायेंगे शातिर मंत्री
आखिर कबतक झूठी शान रहेगी
भ्रष्टाचार अब नहीं चलेगी
भ्रष्टाचार अब नहीं चलेगी
भ्रष्टाचार अब नहीं चलेगी
***जुगलमिलन***
कहा है गाँधी की टोली ?
साथ में जिसे लिए चलते
थी शांति ही गीता की हमजोली
रामदेव, अन्ना भी गए
सरकार के इस खटाई में
शांति के साथ चतुराई भी गयी
भ्रष्टाचार की लड़ाई में
नहीं मिला मुकाम अब तक
जिसकी हमें तलाश थी
क्रांति अब वो फिर छिड़ेगी
जो सन ४७ की आवाज थी
अंग्रेज डरके भागे थे
जनता के आगे कांपे थे
वही जनता फिर जागेगी
सरकार को मिलकर भापेगी
आवाज सत्याग्रह कही नहीं
गरमजोशी का दबाव भी था
तभी देश आजाद हुआ था
जिससे भारत का गुमान हुआ था
येतो सत्याग्रह की आवाज है
गरमजोशी अभी हुयी कहा ?
इतने में सरकार लूट गयी है
नौजवान उतरेंगे तो ये भागेगी कहा ?
अंतिम समय तक चलेगी लड़ाई
भ्रष्ट नेताओ पर होगी कड़ाई
जंग हार सकते नहीं कभी
है भ्रष्टाचार की ये पहली लड़ाई
झुक जाएगी ये सरकार
फंस जायेंगे शातिर मंत्री
आखिर कबतक झूठी शान रहेगी
भ्रष्टाचार अब नहीं चलेगी
भ्रष्टाचार अब नहीं चलेगी
भ्रष्टाचार अब नहीं चलेगी
***जुगलमिलन***
Poem By: Jugal Milan